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Basti News || हलषष्ठी व्रत रख माताओं ने की पुत्र के दीर्घायु की कामना || कुश पर गांठ देकर सुनाई छठ की कथा

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Basti News || हलषष्ठी व्रत रख माताओं ने की पुत्र के दीर्घायु की कामना || कुश पर गांठ देकर सुनाई छठ की कथा

Hal Shashti Lalahi Chhath 2024 || हलषष्ठी का व्रत रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। माताओं ने इस व्रत को रखकर पुत्र के दीर्घायु की कामना की। माताएं मंदिरों, नदियों, तालाबों और कुओं के किनारे पहुंचकर कुश पर गांठ देकर पुत्र के लंबी आयु की कामना की। इस दौरान महिलाओं ने छठ पर्व से जुड़ी कथाओं का श्रवण भी किया। मंदिरों में इस दौरान महिलाओं की भारी भीड़ नजर आई। वहीं, नदियों के किनारे वह कुओं के किनारे भी महिलाएं उसे पर गांठ देने पहुंची।

भादो मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है हलषष्ठी व्रत

हलषष्ठी व्रत को ललही छठ या चंदन छठ भी कहा जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह पर्व भादो मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। विशेष रूप से इस दिन महिलाएं संतान की लंबी आयु और उसके सुख समृद्धि की कामना करती हैं। इसलिए ही माताएं यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं महुआ का दातुन और महुआ खाती हैं। कुश पर गांठ देने के बाद महिलाएं महुआ, तिन्नी चावल व दही का प्रसाद भी बांटती हैं।

25 अगस्त को मनाया गया पर्व

हलषष्ठी व्रत इस बार 25 अगस्त 2024 को मनाया गया। हलषष्ठी का व्रत बस्ती, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, फैजाबाद, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर के साथ उत्तर प्रदेश से सटे बिहार के सीवान, गोपालगंज आदि जिलों में भी हलषष्ठी का व्रत धूमधाम से मनाया गया। पंडित हरि प्रकाश तिवारी ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार हलषष्ठी का व्रत 25 अगस्त को मनाया गया। उन्होंने बताया कि षष्ठी तिथि 24 अगस्त को दोपहर 12:30 से ही शुरू हो गई थी, जो 25 अगस्त की सुबह लगभग 10:11 तक रही। ऐसे में कुश पर गांठ  देने का समय सुबह 10 बजे तक ही था। इसके बाद सप्तमी तिथि लग गई।

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