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Up News || रामकृष्ण मठ में पेड़ वाले बाबा ने किया पौधरोपण || पर्यावरण की रक्षा को आगे आने की अपील की

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Up News || रामकृष्ण मठ में पेड़ वाले बाबा ने किया पौधरोपण || पर्यावरण की रक्षा को आगे आने की अपील की

Up Basti News || जब आपके मन में किसी कार्य के प्रति लगन हो, तो काम कितना भी छोटा क्यों न हो उसका संदेश बहुत ही बड़ा हो जाता है। ऐसे ही एक शख्स के बारे में आज हम बात करने वाले हैं। उनका नाम गौहर अली है। लेकिन पर्यावरण के प्रति उनके जज्बे ने उन्हें पेड़ वाले बाबा के नाम से शोहरत दे दी है। अब उनके जीवन का एकमात्र मिशन अधिक से अधिक पौधे लगाना और लगाए गए पौधों की रक्षा करना है। इसके लिए वह समाज को जागरूक करने के लिए हर दिन कुछ न कुछ उपाय करते ही रहते हैं। इसी क्रम में पेड़ वाले बाबा के नाम से विख्यात गौहर अली बुधवार को रामकृष्ण मठ पहुंचे। जहां उन्होंने पौधरोपण कर लोगों से पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आने की अपील की।

बेलाड़ी पिपरा गौतम मार्ग पर है रामकृष्ण मठ

बता दें कि बस्ती में रामकृष्ण मठ बेलाड़ी पिपरा गौतम मार्ग पर स्थित है। गौहर अली ने बताया कि रामकृष्ण मठ में उन्होंने बुधवार को छायादार, औषधीय और फलदार पौधों का रोपण किया। उन्होंने बताया कि मठ के पुजारी महाराज राम प्रताप ने उनका स्वागत किया और उनके इस कार्य की खुलकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि रामकृष्ण मठ के पुजारी के बताए अनुसार काचनार, नीम, बकईन, सहजन, आम, अमरूद, बॉटल ग्रास, हरसिंगार, बालम खीरा, हरा सेमर, इमली, जामुन, महुआ, अम्हार, बरगद, पीपल, कदम व शमी आदि के लगभग 100 पौधे लगाए गए।

पर्यावरण की सुरक्षा को पौधरोपण जरूरी

इस मौके पर मठ के पुजारी महाराज राम प्रताप ने पेड़ वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध गौहर अली और उनके सहयोगी अखिलेश राज की पौधारोपण को लेकर किए जा रहे प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब मौसम में आए दिन उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है, उस समय में पर्यावरण की रक्षा के लिए हर किसी को सचेत होना होगा। अधिक से अधिक पौधे लगाने होंगे। सिर्फ पौधे लगाने से ही हमारे कर्तव्य की पूर्ति नहीं हो जाती है। इसके लिए जरूरी है कि जिन पौधों को हम लगाएं, उनकी देखभाल भी करें। मठ के पुजारी ने गौहर अली को भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा मठ में जो भी पौधे लगाए गए हैं। उनकी पूरी देखभाल होगी। ताकि बड़े होकर वह पर्यावरण को सुरक्षित करने में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकें और लोगों को संदेश भेजें कि उन्हें भी पौधरोपण के लिए आगे आना चाहिए।

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